वक्त की यारी तो हर कोई करता है मेरे दोस्त मजा तो तब है जब वक्त बदले पर यार ना बदले
इतने वार दुश्मन नहीं कर पाते पीठ पर जितने दोस्त कर जाते हैं, सच्ची दोस्ती की उम्मीद पर
बहुत हमदर्दी जताते हैं सब, उनकों ये नहीं पता कि हम उनके हर एक चाल से वाकिफ है, बस दिखावे का फीकर करते हैं सब
जब मुसीबत की घडी आयी तो पता चला ये जो भाई कहता था, वो कही नहीं मिला
जिन्दगी के रंगमंच में अदाकारी क्या खूब निभाते हो सामने वफा, पीछे दगा, मेरे दोस्त….ऐसा हुनर कहाँ से लाते हो
वो सिनियर से दोस्त बनी, दोस्त से बहुत अच्छी दोस्त बनी फिर अचानक अजनबी बन गई
तुम्हारे दोस्त तुम्हारे साथ इसलिए नहीं क्यूंकि वो तुम्हे चाहते है बल्कि इसलिए साथ है क्यूंकि वो तुम से चाहते हैं