80+ Jazbaat Shayari in Hindi

Jazbaat Shayari in Hindi. जिंदगी मर कई बार ऐसे मौके आते है जब कोई हमारे जज्बातों से खेलता है | उस मौके पर इंसान निराशा में डूब जाता है और अगर कोई अपना करीबी ही जज्बातों से खेले तो निराशा और भी बढ़ जाती है | जीवन में जज़्बात होना जरुरी है क्यूंकि ये ही जज़्बात या इमोशन हमें सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं, और यह उसकी सोच को सकारात्मक बनाए रखने में मदद करते हैं। लेकिन जब कोई इनके साथ खेलता है तो ये दिल में चुभन पैदा करता है | इस पोस्ट में दी गयी शायरी से आप इस एहसास को महसूस करेंगे इसलिए पोस्ट को अंत तक पढ़ें |

Jazbaat Shayari in Hindi

Jazbaat Shayari in Hindi

जिन्हें बातों की समझ नहीं
उन्हें जज़्बातो की समझ क्या होगी

पहले जैसी बात नहीं, भूल गयी, या कुछ याद नहीं
कल तक हम मरते थे जिस मुखड़े पे, उसमें अब वो जज्बात नहीं

मेरा दिल इतना भी नासमझ नहीं
जो तेरे बदलते जज़्बातों को समझे नहीं

चलो खामोशियों की गिरफ्त में चलते हैं
बातें ज्यादा हुईं तो जज्बात खुल जायेंगे

जज्बात लिखकर नही बयां किये जाते
बल्कि बातों में भी बयां हो जाते है

मोहोब्बत के मंसूबों की ख़ाक बना कर
मुस्कुरा रहा था वो मेरे जज़्बातों का मज़ाक बना कर

सीने में जो दब गए हैं वो जज़्बात क्या कहें
खुद ही समझ लीजये, हर बात क्या कहें

जज्बातों को दफन कर दिया है दिल के एक कोने में
क्योंकि किसी ने क्या पाया है, सिर्फ और सिर्फ रोने में

कम ही होते हैं जज्बातों को समझने वाले
इसलिए शायद शायरों की बस्तियाँ नहीं होती

ना पूछो उनका हाल, जो अपने जज्बात दबाये फिरते हैं
दिल पल-पल रोता है, लेकिन वे मुस्कुराए फिरते हैं

Jazbaat Shayari in Hindi

ये बस पानी है या मैं सच में रो रहा हूँ
ये ज़िन्दगी सच में बेदर्द है या फिर मैं, खामखा जज़्बाती हो रहा हूँ

दिल में जज्बात आते जाते रहते है
पर इन जज्बातों को कोई नही समझ पाते है

कुछ और ज़ज़्बातों को बेताब किया उसने
आज मेहंदी वाले हाथों से आदाब किया उसने

अल्फ़ाज़ ढूँढ़ने पर भी ना मिले, तो कैसे बयाँ करूँ जज्बात अपने
रूह में मेरी जो जज्बात है, वो कुछ-कुछ तुमसे मिलते-जुलते है

दिल से चाहो तो सजा देते है लोग, सच्चे जज्बात भी ठुकरा देते है लोग
क्या देखेंगे दो इन्सानो का मिलन साथ, बैठे दो परिंदों को भी उड़ा देते है लोग

है जज्बात समझना भी जरूरी
सिर्फ हाथ थामना मोहब्बत नहीं होता

काश तुमसे इतना प्यार हो जाता
कि ये दिल तुम्हारे लिए अजनबी न हो पाता

ना चाहत के अंदाज़ अलग, ना दिल के जज़्बात अलग
थी सारी बात लकीरों की, तेरे हाथ अलग, मेरे हाथ अलग

झुकी हुई पलकों से जिनका दीदार किया, सब कुछ भुला के जिनका इंतज़ार किया
वो जान ही न पाये जज़्बात मेरे, जिन्हें दुनिया से बढ़कर मैंने प्यार किया

एक लफ़्ज से जाहिर, मैं अपने जज्बात करता हूँ
जब मैं खुश होता हूँ, तब खुद से बात करता हूँ

Jazbaat Par Shayari

Jazbaat Par Shayari

लबों से बयां नही किये जाते है जज्बात
प्यार में आंखों ही आंखों में हो जाती है बात

बहुत नाजुक हैं जज्बात मेरे जो तुम्हारे दिल में रखे हैं
कहीं ठेस न लग जाये बस इतना ख़याल रखना

ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही
जज़्बात में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही

जज्बात ऐसे है कि कुछ ऐसा मेरा नसीब हो
सारी जिंदगी तू मेरे करीब हो

न जाने क्यों लोग छुपाते है जज्बातों को
फिर कैसे चैन से सो जाते है रातों को

मोहोब्बत में तेरे इतने जज़्बाती हो गए
तुझे सँवारने के चक्कर में, बर्बाद ही हो गए

कोई समझे या ना समझे मेरे जज्बात
मुझे तो प्यारी लगती तेरे साथ हर मुलाकात

क्या ख़ुशी में ज़िंदगी का होश कम रह जाएगा
ग़म अगर मिट भी गया एहसास-ए-ग़म रह जाएगा

जो अपने महबूब के यादों में खो जाएँ
उसका एहसास और जज्बात मीठा-मीठा हो जाएँ

न ऐसी न वैसी न कोई करते बात
वही करते है जो दिल के होते है जज्बात

Jazbaat Quotes in Hindi

Jazbaat Quotes in Hindi

कुछ उम्दा किस्म के जज़्बात हैं हमारे
कभी दिल से समझने की तकलुफ़्फ़् तो कीजिए

वो समझें या ना समझें मेरे जज्बात को, हमें तो मानना पड़ेगा उनकी हर बात को
हम तो चले जायेंगे इस जहाँ से, मगर अश्क बहायेंगे वो हर रात को

बदलते दौर के हर खेल खेलेंगे
किसी रोज बच्चे खिलौने से नही, लोगों के जज्बातों से खेलेंगे

तुझे देखकर दिल में जगे जज्बात
तुझमें कुछ तो है खास बात

आँखों से आंसू नहीं जज़्बात बहते गए
कोई समझ ना सकेगा तुझे, गिरने से पहले वो कहते गए

उसने ख़त इक रात लिखे थे आंसू से
दिल के सब जज़्बात लिखे थे आंसू से

कर ले जितने सितम करने हैं ए जिंदगी, जब तक ये जाँ बाकी है
न हार मानूंगा मैं कभी, क्योंकि मेरी कोशिशों की अभी इन्तेहाँ बाकी है

कुछ रिश्तों में जज्बात होते है
जो मोहब्बत से भी बढ़कर होते है

दिल -ए -ज़ज़्बात किसी पर, ज़ाहिर मत कर
अपने आपको इश्क़ में, इतना माहिर मत कर

वक्त के साथ बदलना, दुनियां का दस्तूर होता है
जज़्बात को बरकरार रखना, ऎ दिल, तेरा यही कसूर होता है

Jazbaat Wali Shayari

Jazbaat Wali Shayari

आंखों ही आंखों में वो बात हो गई
पता नही कब जज्बातों के साथ रात हो गई

दिखावे की मोहब्बत तो जमाने को हैं हमसे
पर ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी

जब दिल में किसी के लिए नफरत आती है
तो जज्बात क्रोध बन जाते है

सहला कर यूँ ही कुरेद देता हूँ कई मर्तबा
ये जख्म ही तो उसकी आखरी निशानी बची है

मेरे जज़्बात से वाकिफ है मेरा क़लम फ़राज़
मैं प्यार लिखूं तो तेरा नाम लिख जाता है

जो जज्बात को समझे उनमें कुछ तो बात होती हैं
रॉयल जिंदगी जीने वालो की कुछ तो औकात होती है

वक़्त बदलता है, तो बात बदल जाते है
जब हालात बदलते है, तो जज्बात बदल जाते है

जो अपने अंदर के जज्बातों को जाहिर नही करता
वो अंदर ही अंदर जज्बातों को दबाया करता

हर रोज निकलता हूँ, साथ लेकर जज्बातों का कारवाँ
मिल जाए मंजिल मुझे, न जाने वो सहर क्यों नहीं होती

बस मोहब्बत बस मोहब्बत बस मोहब्बत जानेमन
बाक़ी सब जज़्बात का इज़हार कम कर दीजिए

Dil Ke Jazbaat Shayari

Dil Ke Jazbaat Shayari

जज्बातों का बहीखाता ना रखिये
ये बेहिसाब ही अच्छे लगते है.

जिंदगी के हर तजुर्बे ने, एक नया सबक सिखाया है
हमने जब-जब शराफत दिखाई, ज़माने ने तमाशा बनाया है

तुम्हे ही सहना पड़ेगा गम जुदाई का
मेरा क्या है मै तो मर जाऊँगा

न वो हमारे हुए, न हम उन्हीं के हो सके
बस चाहतों का सिलसिला, उम्र भर चलता रहा

जज्बातों से ज्यादा कीमती है, यहां दिमाग से कि हुई बात
दिल के हालात यहां कुछ, मायने कहां आप रख पाते

मेरी नज़र में उसने जब उस नज़र से देखा
दिल में मेरे ये कैसे जज़्बात आ रहे हैं

उम्र भर चाहा है तुझको, छोर तक जज्बात के
प्यार से लबरेज रखा, दर्द देखे न दिन रात के

ना जाने क्यों तेरा हर अल्फाज़ अब, मुश्किल जज़्बातों में तब्दील हो जाता है
छुड़ाना चाहती हूं पीछा इन एहसासों से, बेवजह ये दिल तकलीफ़ से गुजरता है

जिसे अपना मानों तो सजा देते है
दिल के जज्बातों को भी ठुकरा देते है

कुछ बात तो है तेरे बातो में, जो बात यहा तक आ पहुची
हम दिल से गए दिल हमसे गया, ये बात कहा तक जा पहुंची

2 Line Jazbaat Shayari

2 Line Jazbaat Shayari

हजार बार कहा है कलाई मत पकड़ा करो
बात चूड़ियों की नहीं… जज्बात मचल जाते है

गहराई नापने का शौक था, जज़्बात के सागर की
बेहोश जब हुए, हकीम ने कहां इन्होंने तो इश्क पी रखा है

इन खामोशियों को, अपनी आवाज न बनने दो
सन्नाटों का शोर अक्सर, भावनाओं को बहरा कर देता है

बहुत कम ही मिलते है जो समझ सकें जज्बात मेरे
भला कोई है इस जहाँ में, जो दुसरो के दर्द अपने आँखों से बयाँ कर सके

कई बार हम जज्बातों में आके कुछ कह तो देते है
पर फिर ख्याल आता है ना कहते तो अच्छा था

ज़रूरी थी फिर भी बात नहीं समझा, अफसोस ये कि हालात नहीं समझा
कलेजा निकाल कर कहते रहे मोहब्बत है, मगर पत्थर दिल ने मेरे जज़्बात नहीं समझा

चुप रहने से अच्छे खासे हो जाते हैं पागल
ख़ुश रहते हैं जो अपने जज़्बात बता देते हैं

पहले जैसी बात नहीं, भूल गयी, या कुछ याद नहीं
कल तक हम मरते थे जिस मुखड़े पे, उसमें अब वो जज्बात नहीं

मुझे क्या पता यहा तुम से अच्छा है या नही
तुमहारे सिवा किसी और को गौर से देखा ही नहीं

पत्थर की दुनिया जज़्बात नहीं समझती, दिल में क्या है वो बात नहीं समझती
तनहा तो चाँद भी सितारों के भीच में है, पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती

Jazbaat Se Khelna Shayari

Jazbaat Se Khelna Shayari

काश तु देख सके मेरी उदासी के वो पल
कितनी प्यार से तेरी याद मेरी नीद चुरा लेती है

दिल के जज्बातों की हिफाजत करें भी तो कैसे
महफूज तो धड़कन भी नहीं होती सीने में

अपने जज़्बात को टटोलने, शायरी सुकून पर भीड़ जुट रही है
लगता है ये, कारोबार-ऎ-सुकून, जोरों शोर से चलने वाला है

मुझको पढ़ पाना, हर किसी के लिए मुमकिन नहीं
मैं वो किताब हूँ, जिसमें शब्दों की जगह जज्बात लिखे है

वक़्त जब अपनी ताकत से, लोगों का गुरूर तोड़ जाता है
तन्हाई इस कदर छा जाती है कि, साया भी साथ छोड़ छोड़ जाता है

इतना आसान नही जीवन का किरदार निभा पाना
इंसान को बिखरना पड़ता है रिश्तो को समेटने के लिए
बात तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना, मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती

अल्फाज़ मेरे तो महज़ एक जरिया है, कभी यूंही तो कभी जज्बातों से भरें है
जो बखूबी से पढ़ती हो खामोशी मेरी, उसपर मेरे लफ्जों से क्या फर्क पड़ता है

हर जज्बात को जुबान नहीं मिलती, हर आरजू को दुआ नहीं मिलती
मुस्कान बनाये रखो तो साथ है दुनिया, वर्ना आंसुओ को भी आंखो मे भी पनाह नहीं मिलती

दिल से मिले दिल तो सजा देते है लोग, प्यार के जजबातो को डुबा देते है लोग
दो इंसानों को मिलते कैसे देख सकते है लोग, जब साथ बैठे दो परिन्दो को भी उड़ा देते है लोग

अल्फ़ाज़ की शकल में एह्सास लिखा जाता है, यहां पर पानी को भी प्यास लिखा जाता है
रे जज़्बात से वाकिफ है मेरी कलम भी, प्यार लिखूं तो तेरा नाम लिखा जाता है

जब आता है जीवन में खयालातों का हंगामा, हास्य बातो या जज़्बातो मुलाकातों का हंगामा
जवानी के क़यामत दौर में ये सोचते है सब, ये हंगामे की राते है या है रातो का हंगामा

उम्मीद है आप सभी को Jazbaat Shayari in Hindi पोस्ट पसंद आया होगा | पोस्ट को अपने दोस्तों में शेयर जरुर करें |

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