Village Quotes in Hindi. हिन्दुस्तान गावों में बस्ता है | शहरी विकास के साथ आज भी गाँव का महत्व है | भले आज शहरों में कितनी भी आधुनिकता हो लेकिन शान्ति आज भी गावों में मिलती है | ये वो अधिक समझ सकता है जिसने अपना बचपन गावों में बिताया हो लेकिन काम की तलाश में शहरों की ओर चला गया हो | गाँव का शांत वातावरण और प्रकृति आज भी लोगों को प्रेरित करती है और लोग इसे महसूस करने आज भी गाँव की ओर जाते है | गाँव की जीवनशैली शहरों से अलग है लेकिन उसका आकर्षण आज भी लोगों को अपनी ओर खींचता है और इस पोस्ट के माध्यम से आप उसे गाँव के परिवेश को अपने समीप पायेंगे | गाँव को अपने समीप महसूस करने के लिए पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें |
Table of Contents
Village Quotes in Hindi
नैनों में था रास्ता, हृदय में था गांव हुई न पूरी यात्रा, छलनी हो गए पांव
शहर मे छाले पड़ जाते है जिन्दगी के पाँव मे सुकून का जीवन बिताना है तो, आ जाओ गाँवों मे
हमें बोतल का पानी याद रहा हम गांव का पनघट भूल गए
बहुत विरानियों में रह रही हैं गाँव की गलियां उसने हवाओं से खबर भिजवाया है मुझको
गाँव मे बड़े होने पर भी, बच्चो को माँ-बाप डांटते है ऐसा लगता है जैसे, अपनापन और खुशियाँ बांटते है
बहने लगी है शहरी आबोहवा गाँव में ऐ गाँव तू गाँव ही रहता तो अच्छा होता
मेरा बचपन भी साथ ले आया गाँव से जब भी आ गया कोई
उठ उठ रातों को रोता हूं मैं जब जब गाँव याद आया मेरा
घरों को होता सुनसान देखकर खुद को तन्हा और वीरान देखकर
शहरी चकाचौंध के आगे हम गांव की गलियां भूल गए
Village Quotes in Hindi
मां ने अपने दर्द भरे खत में लिखा सड़कें पक्की हैं अब तो गांव आया कर
गाँव की प्यारी यादो को दिल मे सजाया करो शहर मे तरक्की कितनी भी करो लो, पर गाँव अपनो से मिलने आया करो
शहर की इस भीड़ में चल तो रहा हूँ ज़ेहन में पर गाँव का नक़्शा रखा है
गांव का गुड़, भले काला होता है पर उसका स्वाद, चॉकलेट से प्यारा होता है
क्यों जा रहे हैं सब छोड़कर मुझे बहुत रोता है गाँव ये सोच सोच कर
शहर के साहब कभी गाँव घूम के आना गाँव तुझे अपना सा ना लगे तो बताना
शहर की नौकरी जगाती है, भगाती है अंत में गाँव मे आकर ही, हर कोई सुकून पाता है
बड़े गुरुरों से शहर गाँव को चिढ़ाने गया था बहुत शर्मीदा हुआ शहर गांव ने खैरियत जब पूछा
कितना भी बड़ा जख्म या घाव हो अकेलापन महसूस नही होता, अगर गाँव हो
ये तंग दिल कमरे हम याद रहे हम घर का आंगन भूल गए
Village Life Quotes in Hindi
रहन-सहन निराला है, गांव सबसे प्यारा है कुदरत संग जीने का, गांव ही सबसे न्यारा है
आज भी गांव में अतिथि देवो भवः है भले चटनी रोटी खिलाते हैं पर दिल से सम्मान देते हैं
इन पक्की सड़कों के आगे हम वो पकडंडियां भूल गए
ख़ोल चेहरों पे चढ़ाने नहीं आते हमको गांव के लोग हैं हम, शहर में कम आते हैं
नैनो मे था रास्ता, हृदय मे था गांव हुई न पूरी यात्रा, छलनी हो गए पांव
जहां सुकून मिलता है, जहाँ प्यार मिलता है अपने गाँव को मैं कैसे बयां करू, गाँव वो है जहां इंसान को अपना पहचान मिलता है
जो मेरे गाँव के खेतों में भूक उगने लगी मिरे किसानों ने शहरों में नौकरी कर ली
वह गांव की गलियां, गिल्ली डंडे की रंगरलिया हमजोली संग हम उड़ाते धमाचौकड़ियाँ
कैसा हंगामा बपा है कि मेरे शहर के लोग ख़ामुशी ढूँढने गावों की तरफ़ जाते हुए
बहती है जब जब पुरवाई मेरे गाँव की यादें लेकर आती है
Village Shayari
वो मिट्टी का मकाँ अब महल बन गया है गाँव, गाँव से अब शहर बन गया है
तुम्हें याद तो होगा जब बरसातों में हम कागज की नाव चलाया करते थे
घनेरी-घनेरी जंगल में, रात में जगमगाते जुगनू यह सुंदर दृश्य हमें, गांव के सिवा मिलेगा कहां
सुना है… खरीद लिया उसने करोड़ों का घर शहर मे मगर आंगन दिखाने आज भी वो बच्चो को गांव लाता है
हमें शहरों के गार्डन याद रहे हम खेतों की हरियाली भूल गए
गाँव की आँख से बस्ती की नज़र से देखा एक ही रंग है दुनिया को जिधर से देखा
गांव संस्कृति का ख़ज़ाना है, सम्मान देने का यह बहाना है अतिथि घर जो आए, पाँव पखार आराम दिलाना है
शहरी चकाचौंध में कहीं भूल न जाए हम उसको हर रात ख्वाबों में गाँव यही याद दिलाने आता है
शहर की हलचल से दूर, यहाँ मन को आराम है घर तो अपना गाव मे ही है जनाब, शहर मे तो बस मकान है
जो लोग शहर की दवा से ठीक नही हो पाते है वो लोग अक्सर गाँव की हवा से ठीक हो जाते है
Village Status in Hindi
मटकी में उफनता दूध, चूल्हे पर बनती रोटी खूब गांव के इस भोजन को खा, मिटती मन की भूख
ऊंचे-ऊंचे पहाड़, खुले-खुले मैदान दूर-दूर तक फैली नदियां, गांव की ये है सारी खूबियां
परियों ऐसा रूप है जिस का लड़कों ऐसा नाँव सारे धंदे छोड़-छाड़ के चलिए उस के गाँव
बल्बों के उजालों याद रहे हम चांदनी रातें भूल गए
मैं बहुत खुश था अपने गाँव की गलियों में देख तेरे शहर ने मुझको बेगाना बना दिया
वो आमों की बगिया वो पोखर का पानी वो बरगद था हम-साया मेरा
खेतों की हरियाली छूटी, वो बाग बगीचे छूटे हैं बचपन की उन गलियों से, सब रिश्ते नाते टूट हैं
प्याज संग सुखी रोटी से ही, भूख मिट जाती है गांव में और शहर के रेस्टोरेंट में अनेकों पकवान, खाकर भी मन तृप्त नहीं होती है
गाँव मे दिखती नही तरक्की की निशानी, लेकिन यहाँ की सुबह होती है बड़ी ही सुहानी जो मेरे गांव के खेतों मे भूख उगने लगी, मेरे किसानो ने शहरो मे नौकरी कर ली
की इस मतलब भरी दुनिया मे, मैने तेरे जैसा समझदार नही देखा तूने शहर वाले की अक्ले तो देख ली, मगर गाँव वालो का किरदार नही देखा
सुबह-सुबह जब सूरज उगता है, ताल-तलैया पर किरणों संग खेला करता है गांव का यह दृश्य बहुत मोहक लगता है
पुरखो का मकान बेच कर शहर नहीं जाया करो ना जाने कब शहर छोड़ना पड़ जाये, गाँव मे ही रहा करो
कुदरत ने गांव को इतना समृद्धि क्यों बनाया है क्योंकि गांव ने कुदरत को अपनाया है
सरसों के साग संग मक्के की रोटी, साथ में बड़ी ग्लास में होती लस्सी यह स्वाद मेरे गांव में है मिलती
किसी ने क्या खूब लिखा हे की, गांव को गांव ही रहने दो साहब क्यो शहर बनाने मे तुले हुए हो गांव में रहेंगे तो माता पिता के नाम से जाने जाओगे और शहर में रहोगे तो मकान नंबर से जाने जाओगे