90+ Takleef Shayari in Hindi

Takleef Shayari in Hindi. तकलीफ जिंदगी का एक अहम हिस्सा है | अगर जीवन में सुख है तो तकलीफ भी है | जीवन की ये ही खूबसूरती है की हर समय एक सा नहीं होता है | कभी जीवन में खुशियाँ होती है तो कभी तकलीफें आती है | तकलीफों से ही गुजर कर इंसान मजबूत बनता है | आज के हमारे इस पोस्ट में आपको तकलीफ से सम्बंधित कई शायरियां पढने को मिलेगी |

Takleef Shayari

Takleef Shayari

तकलीफ ये नहीं की, किस्मत ने मुझे धोखा दिया
तकलीफ तो ये है मेरा, यकीन तुम पे था किस्मत पे नहीं

चाहे कितनी भी तकलीफ दे इश्क़
पर सुकून भी इश्क़ से ही मिलता है

निगाहों से क़त्ल कर डालो, न हो तकलीफ दोनों को
तुम्हें खंजर उठाने की , हमें गर्दन झुकाने की

मेरी फितरत में नहीं, अपना गम बयां करना
अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ, तो महसूस कर तकलीफ मेरी

मौत सिर्फ नाम से बदनाम है
वरना तकलीफ़ तो जिंदगी ही ज्यादा देती है

चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही लेकिन
रवैये अजनबी हो जाये तो बडी तकलीफ देते हैं

कौन कहता है की जिंदगी तकलीफ देती है
अगर तुम जैसे दोस्त साथ हो, तो जिंदगी भी सर झुका देती है

ढाई अक्षर की बात कहने में, कितनी तकलीफ उठा रखी है
तूने आँखों में छिपा रखी है, मैंने होंठो पे दबा रखी है

तकलीफ के बदले तो तकलीफ मिल जाती है इस दुनिया के बाजार में
मगर मोहोब्बत के बदले मोहोब्बत नहीं मिलती

कबूल है हमें तेरी हर चाहत और हर दर्द तकलीफ
क्या तुम्हे भी कबूल है मोहब्बत हमारी

Takleef Shayari

उसको चाहा तो मोहब्बत की तकलीफ नजर आई
वरना इस मोहब्बत की बस तारीफ़ सुना करते थे

पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम, गलती हुई क्योकि इंसान थे हम
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं, कभी उसी शख्स की जान थे हम

अपना बनाकर लोग तकलीफ बहुत देते है
इसलिए अजनबी बनकर रहना ठीक है

तुझे गैर पसंद थे
और मुझे तेरा गैरों से बात करना तकलीफ देता था

तकलीफ होती है हमें, जब तू किसी और से नज़रें मिलाता है
तकलीफ होती है जब हमें, बेगाना और गैरों को तू अपना बताता है

तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेरे पास रह गया

तुम मुझे दर्द देकर अगर खुश हो तो, मैं तेरी खुशी में खुश हो जाऊंगा
मुझे जितनी तकलीफ देनी है दे लो, मैं तेरा दिया हर एक गम सहता जाऊंगा

ख़ुश है वो तकलीफ मै हमें देखकर
और हम भी खुश थे तकलीफ मै, उन्हें खुश देखकर

डूबता सूरज ढलता दिन, क्यूँ इस कदर कचौटता हैं यह मुझे
शायद तकलीफ करता हैं बयाँ, फिर बिता एक दिन तेरे बिना

तकलीफों का मंज़र कुछ ऐसा टूटा है मुझ पर
की अब ना रहा जा रहा है ना कहा जा रहा है

Takleef Shayari in Hindi

Takleef Shayari in Hindi

ज़िन्दगी हमारी और हिस्सा आप हो, तकलीफ हमारी और हमदर्द आप हो
समझ नहीं आता हम आपके हे या आप हमारे, जैसे मेरी हर मुश्किलों के हल हे आपके सवारे

बहुत तकलीफ देते हैं वो जख्म
जो बिना कसूर के मिले हों

यूँ चेहरे पर उदासी ना ओढिये साहब
वक़्त ज़रूर तकलीफ का है, लेकिन कटेगा मुस्कुराने से ही

अच्छे दोस्त हाथ और आँख की तरह होते हैं
जब हाथ को तकलीफ होती है तो आँख रोती है, और जब आँख रोती है तो हाथ आँसू पोछते हैं

जब तकलीफ तक़दीर में लिखी हो
तो लोगों को नहीं कोसा करते

किसी को तकलीफ देना मेरी आदत नहीं, बिन बुलाया मेहमान बनना मेरी आदत नहीं
मैं अपने गम में रहती हूँ नबाबों की तरह, परायी ख़ुशी के पास जाना मेरी आदत नहीं

तकलीफों के शहर में पला बड़ा हूँ मैं
शायद इसीलिए आज इस मुक़ाम पर खड़ा हूँ मैं

जितना बड़ा सपना होगा उतनी ही
बड़ी तकलीफ होंगी

पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम, गलती हुई क्योकि इंसान थे हम
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं, कभी उसी शख्स की जान थे हम

बस इस क़दर दर्द में हूँ की आवाज़ नहीं निकल रही
ये अलफ़ाज़ क्या निकलेंगे

Takleef Shayari in Hindi

इतने साल बाद भी मिटते नहीं निशाँ
ये सोचो तकलीफों के घाव कितने गहरे रहे होंगे

हम रहते थे जो खुश, उसने हमे उदास कर दिखाया है
हम जानते ना थे क्या होता है दर्द, उस बेवफा ने तकलीफ से वाकिफ कराया है

खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते
और लोग पूछते है कोई तकलीफ तो नहीं

दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है, बड़ी मुश्किल से इसे ख़ुशी नसीब होतीहै
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो, पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है

तुम्हारा रूठ जाना हमें तड़पाता है, तेरा गैरों से बात करना दिल जलाता है
हमें देख कर तेरा अनदेखा कर देना, दिल को दर्द और तकलीफ दे जाता है

तकलीफ होती है जब तुम्हारे दिल का
सबसे क़रीबी तुमसे दूरी बना ले

काश कोई इस तरह वाकिफ हो मेरी ज़िन्दगी से
कि मैं रोऊँ, और वो मेरे आँसू पढ़ ले

क़ाश कोई ऐसा हो ,जो गले लगा कर कहे
तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है

तू मुझे देखता तक नहीं, ये देखकर मुझे तकलीफ होती है
तू क़रीब क्यों नहीं आता उतना, जितने क़रीब मेरे तेरी तस्वीर होती है

होता कुछ नहीं जब तू दूर जाता है
बस तकलीफ होती है

Takleef Dene Wali Shayari

Takleef Dene Wali Shayari

पहाड़ो जैसे सदमे झेलती है उम्र भर लेकिन
बस इक औलाद की तकलीफ़ से माँ टूट जाती है

दर्द छुपा कर दो पल मुस्कुरा क्या देते हैं
लोग कहने लगते हैं हम बड़े मज़े में रहते हैं

मैं तेरे दिए हर एक सितम को हँस कर सहता था
तुझे खोने के डर से मैं हमेशा चुप रहता था

जिन्दगी में दो लोग बहुत तकलीफ देते है, एक वो जिससे प्यार न हो और उसके साथ रहना पड़े
दूसरा वो जिससे हद से ज्यादा प्यार हो, और उसके बिना रहना पड़े

धुप बहुत कड़ी है, बदन जल रहा है
कुछ तकलीफ ज़रूर है, पर घर चल रहा है

आदत बना ली मैंने, खुद को तकलीफ देने की
ताकि जब अपना कोई तकलीफ दे,तो तकलीफ ना हो

मेरा दिल टूट गया उससे तक़रार होने पर
और उसे ज़रा तकलीफ भी नहीं हुई

तकलीफ बयां कर सकता जो आसुओं से मैं
सारा जहाँ आज पानी-पानी हो जाता

खो दिया हमने खुद को अपनों को पाते पाते
और लोग पूछते है कोई तकलीफ तो नहीं हुई

पहले उनकी बेरुखी से तकलीफ होती थी
अब नहीं होती, क्यूंकि अब आदत हो चुकी है

Takleef Dene Wali Shayari

ना करो हमसे बेशक मोहब्बत तुम पर कुछ अल्फाज़ तो दे
यू खामोश रहकर हमें तकलीफ तो ना दे.

मेरा कुछ अंदाज़ ही ऐसा है मेरी तकलीफ तक़दीर में दिख जाएगी
पर तस्वीर में कभी नहीं दिखाई देगी

ऐ मेरी जिन्दगी यूँ मुझसे दगा ना कर, उसे भुला कर जिन्दा रहू दुआ ना कर
कोई उसे देखता हैं तो होती हैं तकलीफ, एय हवा तू भी उसे छुवा ना कर

इन नाजुक ख्यालों को तकलीफ होंगी
यू अकेले बैठकर हमें ज्यादा सोचा ना करो

कीमत बता तू मुझे, सजा-ए-मोहब्बत से रिहाई की
बहुत तकलीफ होती है, तेरी यादों की सलाखों में

देख के इन्हें तुम्हे तकलीफ न हो कही, अपना हर ज़ख़्म तुमसे छुपाते है
तड़प न उठो मेरा महसूस कर काफी, हम खामखा ही मुस्कुरा लेते हे

तकलीफ की सुरंगो से, जब जिन्दगी गुजरती है
सबसे पहले अपनो के, हाथ और साथ छुट जाते है

इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर

तकलीफ होगी आपके नाज़ुक ख्यालों को
यूँ अकेले बैठकर हमें सोचा न कीजिए

फिर नहीं बसते वो दिल जो एक बार टूट जाते हैं
कब्र कितनी ही संवारो कोई ज़िंदा नहीं होता

Takleef Shayari 2 Line

Takleef Shayari 2 Line

काश कोई मेरे लिए गम सहे, काश कोई मेरी वजह से जिंदा रहे
काश कोई हो ऐसा जो ज़िन्दगी में, हमारी तकलीफ को अपनी कहे

तकलीफ की सुरंगो से, जब जिन्दगी गुजरती है
सबसे पहले अपनो के, हाथ और साथ छुट जाते है

जीने में क्या मजा, अगर संघर्ष और तकलीफ न हो तो
बड़े बड़े तूफान थम जाते है, अगर आग लगी हो सीने में

उसे मेरी तकलीफ का शायद तक़ाज़ा नहीं हो रहा
यही वजह है की वो मुझे तकलीफ दे रहा है

तुम्हें हमारी तकलीफों से वाकिफ कराएँगे, वक़्त बदलने दो हम भी तुम्हें तड़पाएँगे
तुम तड़पते रहोगे हमें पाने के लिए, हम किसी और के हो जाएंगे

बड़ी कशमकश है मौला थोड़ी रहमत कर दे
या तो ख्वाब ना दिखा या उन्हें मुक्कमल कर दे

दुनिया उन्हीं की खैरियत पूछती है, जो पहले से ही खुश हों
जो तकलीफ में होते हैं, उनके तो नंबर तक खो जाते है

मोहोब्बत देने में बड़ा वक़्त लगा रहे हो सनम
फिर तकलीफ देने में इतनी जल्दबाज़ी क्यों

यह ग़ज़लों की दुनिया भी अजीब है, यहाँ आँसुओं का भी जाम बनाया जाता है
कह भी देते हैं अगर दर्द-ए-दिल की दास्तान, फिर भी वाह-वाह ही पुकारा जाता है

जिंदगी गुजर ही जाती है, तकलीफें कितनी भी हो
मौत भी रोकी नहीं जाती, तरकीबें कितनी भी हो

तकलीफ तब नहीं हुई जब मुझे हुई
मुझे तकलीफ में देख जब मेरे अपने खुश हुए मुझे तकलीफ तब हुई

Sad Takleef Shayari

Sad Takleef Shayari

हाथ तो उनके भी ज़ख्मी हुए होंगे, इस पत्थर दिल को तोड़ वो कहाँ खुश रहे होंगे
जब तोड़ा होगा हमारा दिल बेरहमी से, तकलीफ से उनके आँसू भी बहे होंगे

जाती हुई मय्यत देख के भी वल्लाह तुम उठ कर आ न सके
दो चार क़दम तो दुश्मन भी तकलीफ़ गवारा करते हैं

मुझे क़ुबूल है तेरी चाहत में, हर दर्द, हर तक़लीफ़
क्या तुझे क़ुबूल है मुहब्बत मेरी?

तेरे दिल से निकले जाने के बाद
फिर मैं ताउम्र तकलीफ में रहा

हमारे दिल में हर रोज़ एक सवाल आता है, वो सवाल हमें तकलीफ से तड़पाता है
की जो भी वफ़ा करता है इश्क़ में, वो अक्सर अकेला क्यों रह जाता है

काश कुछ ऐसा होता की, तकलीफ का कोई आईना होता
जो अनजान वजह बन गया है, उसे यह दिख जाता, और मुझे बक्श देता

शायर बनना भी आसान कहाँ जनाब
हर दर्द महसूस करना पड़ता है बयां करने से पहले

किसी को हम मजाक में भी, तकलीफ देने से डरते है
और न जाने लोग कैसे सोच समझकर, दिलो से खेल जाते हे

ए खुदा काश तेरा भी एक खुदा होता
तो तुझे भी ये अहसास होता, कि दुआ कुबुल ना होने पे कितनी तकलीफ होती है

उसने हमें बहुत आज़माया है, इश्क़ में दर्द सहने के काबिल बनाया है
जिससे हम पाना चाहते थे खुशियाँ, उससे तकलीफों का भंडार पाया है

बेवफा से प्यार कर खुद को तकलीफ देता हूँ
मैं उसके इंतेज़ार में तड़पता रहता हूँ

Zindagi Ki Takleef Shayari

Zindagi Ki Takleef Shayari

तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेरे पास रह गया

जब इंसान हद से ज्यादा खामोश हो जाए
तो समझ जाइए, तकलीफ शब्दों से परे हो गई है

तुम्हारे दूर रहने से हमें तकलीफ होती है
आज इतना करीब आ जाओ की हम बहक जाये

तकलीफ ये नही की किस्मत ने मुझे धोखा दिया
मेरा यकीन तुम पर था, किस्मत पर नही

कुछ लड़कियों की तकलीफ को, लोग क्या समझेंगे
उनका तो आधी रात को भी, गोलगप्पे खाने का मन करता है

एक इंसान ऐसा होता हे जिंदगी में, जो कितना भी तक़लीफ दे हमे
मगर सुकून उसी के पास ही मिलता हे हमे

एक वो ही था जो मेरी तकलीफ समझ पाता था
मेरे रूठ जाने पर मुझे जानी जानी कह कर मनाता था
ना जाने वो आज कैसे बदल गया, जो हमें उदास देखकर खुश उदास हो जाता था

इंसान का दिल दुखता हे हर तकलीफ से, लेकिन हर तकलीफ से इंसान सीखता भी बहुत है
सीने में बहुत दर्द छुपाकर, तकलीफ होती हे जीने में

मेरे यार को मेरी तकलीफ और दर्द से, कभी कुछ फर्क ही नहीं पड़ा
मैं बेवकूफ की तरह खुद को तड़पा रहा हूं

तकलीफ वो जो तड़पा दे, टीचर वो जो सजा दे, मोहब्बत वो जो वफ़ा दे
दुश्मन वो जो मरवा दे, और अपना वो, जो दिवाली की सफाई करवा दे

एक वो ही था जो मेरी तकलीफ समझ पाता था, मेरे रूठ जाने पर मुझे जानी कह कर मनाता था
ना जाने वो आज कैसे बदल गया, जो हमें उदास देखकर खुश उदास हो जाता था

बहुत से लोगों को छोड़ मै तेरे पास आया था, तुम्हें अपना समझा तुमने मुझे ठुकराया था
तुमसे हम आस करते थे ख़ुशियों की मगर, तू हमारी ज़िंदगी में तकलीफ लेकर आया था

उम्मीद है आप सभी को ये पोस्ट Takleef Shayari in Hindi पसंद आया होगा | पोस्ट को अपने दोस्तों में शेयर करना ना भूले |

Takleef Shayari

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